बलिदान का दूसरा नाम है जवान

शाहपुरा  (स्मार्ट समाचार ) अपने लिए तो हर कोई जीता है, लेकिन जो देश के लिए जीते और मरते हैं, वो हमेशा सबके सीने में धड़कते हैं, वाकई शौर्य और बलिदान का दूसरा नाम है जवान। शहीद श्याम सुंदर जाट गुलाब बाड़ी शाहपुरा के थे, 5 राजस्थान राइफल्स में सेवारत और फिलहाल कश्मीर के कुलगाम में 9 RR  में तैनात थे, जिन्होंने देश की सेवा करते हुए उन्होंने अपनी शहादत दे दी।  दो बच्चे हैं शहीद श्याम सुंदर के और पिता श्री अर्जुन लाल जाट बुजुर्ग शहीद जवान उनका सहारा था। बेटी सातवीं में पढ़ती है, बेटा तो तीन-चार साल का ही है। कि देशभक्ति की भावना के मायने वाकई होते क्या हैं? शहीद की आंखों में भी तो आम लोगों की तरह अपने परिवार को लेकर, अपने नन्हें बच्चों को लेकर सपने रहे होंगे। देशसेवा में शहीद श्याम सुंदर के परिवार के प्रति हमारी यही सच्ची सेवा हो सकती है कि उनके सपनों को पूरा करने में मदद कर सकें। शहीदों के साथ-साथ उनके परिवारों के बलिदान का सम्मान करें, शहीद के परिवार के भविष्य को संवारने में जो भी हो सके, योगदान करें।