कई प्रवासी कपड़ा व्यापारी डटे हैं राजस्थान के पंचायती चुनावी रण में


 नागौर /हरसौर (स्मार्ट समाचार) कोरोना महामारी की वजह से राजस्थान की शेष 3 हजार 848 ग्राम पंचायतों के चुनावों की घोषणा आखिर में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद हो चुकी हैं।


चार चरणों में हो रहे हैं पंचायत चुनाव मे शामिल प्रत्याशियों में अनेक प्रत्याशी सूरत प्रवासी कपड़ा व्यापारी भी हैं, जो चुनावी भाग्य की ओर आजमाइश कर रहे हैं। लाखों की संख्या में सूरत में बसे प्रवासी राजस्थानीयों का मरुधरा में गांव ढाणी से जुड़ाव ज्यों का त्यों हैं, और यही वजह है कि वह वहां से जुड़े किसी भी तरह के सामाजिक धार्मिक ही नहीं बल्कि राजनीतिक आयोजन में भी पीछे नहीं रहते फिर वह शादी-ब्याह के आयोजन हो या कथा यात्रा का ही इन सभी आयोजन में बसे प्रवासी राजस्थानी बढ चढ़कर भाग लेते रहे हैं।


ऐसा ही एक और आयोजन इन दिनों राजस्थान में शुरू हुआ है और वह है ग्राम पंचायत चुनाव का और इसमें भी सूरत प्रवासी राजस्थानी महिला-पुरुष चुनावी भाग्य आजमाने से नहीं चूक रहे हैं इससे पहले जनवरी और मार्च में आयोजित हुए पंचायत चुनाव में भी कई प्रवासियों ने भाग्य आजमाया और जीत का सेहरा भी बांधा। अब एक बार फिर गांव में जीत का परचम फहराने के उद्देश्य से कई सूरत प्रवासी ग्राम पंचायत चुनाव में भाग्य की आजमाइश कर रहे हैं।


कोरोना से टल गए थे चुनाव राजस्थान की 11 हजार 341 ग्राम पंचायतों के चुनाव 2020 की शुरुआत के जनवरी व मार्च के दौरान चार चरण में होने तय हो गए थे और इनमें से तीन चरण तक 7 हजार 463 ग्राम पंचायतों के चुनाव संपन्न भी हो गए थे। चौथे व अंतिम चरण के चुनाव में 3 हजार 848 ग्राम पंचायतों में उससे पहले ही कोरोना महामारी ने राजस्थान समेत देशभर में पैर पसार दिए और नतीजन राजस्थान सरकार ने चौथे चरण के चुनाव स्थगित कर दिए बाद में यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में जाने पर अक्टूबर तक से चुनाव संपन्न करवाए जाने का फैसला आने पर राजस्थान में वापस गांव की सरकार बनने की तैयारियां तेज हुई।


सूरत मे हैं मतदाता, आएंगे मतदान के दिन राजस्थान के नागौर, अजमेर, बीकानेर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चुरू, गंगानगर, हनुमानगढ, जैसलमेर, जालौर, झुंझनुं, जोधपुर, पाली, सीकर, उदयपुर, आदि जिलों के गांव कस्बों के प्रवासी राजस्थानी बड़ी संख्या में सूरत मे बसे हैं। और इन सभी जिलों मे ग्राम पंचायत चुनाव 28 सितम्बर, 4, 6 व 10 अक्टूबर को हैं।


गांव और ग्रामीणों से सीधा जुडाव होने की वजह से इन सभी जिलों के सूरत प्रवासी गांव की सरकार चुनने पंचायत क्षैत्र में आएंगे। वहीं, चुनावी लड रहें प्रत्याशी भी गांव के साथ-साथ सूरत मे बसे प्रवासियों से सम्पर्क बनाएं हुए हैं। इससे पहले भी राजस्थान के प्रत्याशी सुरत जाकर सम्पर्क साध चुके हैं।


गांव और ग्रामीणों से हैं सीधा नाता राजस्थान की ग्राम पंचायतों में सरपंच का चुनाव लड़ने की मंशा रखने वाले कई सूरत प्रवासी इस वर्ष की शुरुआत से ही वहां पर सक्रिय हैं और कोरोना ने उन्हें यह अवसर और बढ़ा दिया हैं। लॉकडाउन के दौरान यह प्रवासी करीब ढाई माह तक गांवों मे ही रहें और ग्रामीणों से सीधा सम्पर्क रखा।


नागौर जिले की परबतसर तहसील के भकरी मौलास ग्राम पंचायत से सरपंच चुनाव लड़ रहें कपड़ा व्यापारी श्याम माली ने बताया कि मार्च से ही वे गांव में सभी ग्रामीणों के सीधे सम्पर्क में हैं और इससे पहले भी इनका ग्रामजनों से सीधा नाता रहा हैं, इसलिए वह यहां प्रत्येक अच्छे प्रसंग मे मौजुद रहें हैं। फोटो-हरसौर. पांचायत चुनाव को लेकर प्रवासी राजस्थानी मतदान केन्द्र मे नाम भरवाने जाते हुए।