कारगिल विजय दिवस पर सरहदी बाड़मेर में शहीदों की शहादत को किया गया याद

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बाड़मेर@ देश भर में रविवार को कारगिल विजय दिवस मनाया गया। कारगिल में पाकिस्तान पर भारत की विजय के रविवार को 21 साल पूरे हो गए हैं. 1999 में आज ही के दिन भारतीय सेना ने इस युद्ध में विजय हासिल की थी।


सरहदी बाड़मेर में जिला कलेक्टर विश्राम मीणा, बाड़मेर उपखण्ड मजिस्ट्रेट प्रशांत शर्मा, सेवानिवृत्त कैप्टन हीर सिंह भाटी, छात्रसंघ प्रतिनिधि प्रवीण सिंह मिठड़ी, मनोज परमार, विशाल परमार, निखिल जैन समेत सैकड़ो लोगो ने शहीद सर्किल पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।


शहीदों को श्रद्धांजलि के बाद दो मिनिट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी गई। हालांकि कोविड 19 के चलते आयोजन में ज्यादा लोग शरीक नही हुए लेकिन देश के पराक्रम के इस खास दिन को लेकर कोलेज विद्यार्थियों का जज्बा देखते ही बन रहा था। सभी लोगो ने पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल के जांबाजों को उनके शौर्य और पराक्रम के लिए सजदा किया।


आपको बता दे कि 21 साल पहले 26 जुलाई को भारतीय सेना ने वो शौर्य और पराक्रम दिखाया था जिसका इतिहास में कोई मुकाबला नहीं है। दुश्मन ने जिन चोटियों पर कब्जा किया हुआ था, वहां से पाकिस्तान के सैनिकों को मार गिराकर उन पहाड़ों पर कब्जा करना कितना मुश्किल रहा होगा हम और आप सिर्फ अंदाजा ही लगा सकते हैं।


इसीलिए आज के दिन पूरा देश उन अमर जवानों को सलाम कह रहे है जो कारगिल में शहीद हुए थे. देश आज विजय पर्व मना रहा है. कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर पाकिस्तान के सैनिकों ने कब्जा कर लिया था। फिर 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तिरंगा लहराने के लिए भारतीय सेना के शूरवीरों ने ऑपरेशन विजय का इतिहास रचा.बता दें कि अक्टूबर 1998 में मुशर्रफ ने कारगिल प्लान को मंजूरी दी थी।


पाकिस्तान को लगा होगा कि ऊंची चोटी पर कब्जे के बाद ये इलाका हमेशा के लिए उनका हो जाएगा लेकिन उन्हें भारतीय सेना के अदम्य साहस का अंदाजा नहीं था. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ तब मिग-27 और मिग-29 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया लेकिन बोफोर्स तोप के गोलों ने पाकिस्तान को हराने में बहुत अहम भूमिका निभाई थी।