जयपुर(स्मार्ट समाचार) आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि बुधवार को मंडल मुख्यालय के बोर्ड रूम में मंडल अध्यक्ष श्री भास्कर ए. सावंत की अध्यक्षता में राजस्थान आवासन मंडल के संचालक मंडल की 242 वीं बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश के 14 शहरों में लाँच की जाने वाली 21 आवासीय योजनाओं, कोचिंग हब, स्टि्रप ऑफ लैंड, प्रवर्तन शाखा, सिटी पार्क जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के साथ कई बड़े निर्णय लिए गए।
प्रताप नगर में 68 हजार वर्गमीटर में बनेगा प्रदेश का पहला कोचिंग हब दो फेज में होगा कोचिंग हब का निर्माण 231 करोड़ रूपये खर्च होंगे कोचिंग हब के निर्माण पर, बोर्ड को मिलेगा 416 करोड़ रूपये का राजस्व आवासन आयुक्त श्री पवन अरोड़ा ने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की अनुपालना में जयपुर की प्रतिष्ठित प्रताप नगर आवासीय योजना के सेक्टर 16 में लगभग 70 हजार विद्यार्थियों की क्षमता वाले प्रदेश के पहले कोचिंग हब का निर्माण किया जाएगा। यह कोचिंग हब 68 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा। इस कोचिंग हब की खास बात यह होगी कि यहां उपलब्ध भूमि के 40 प्रतिशत क्षेत्र में ही निर्माण कराया जाएगा, 60 प्रतिशत क्षेत्र खुला ही रहेगा।
इस कोचिंग हब का निर्माण दो फेज में कराया जाएगा। कोचिंग हब के निर्माण पर 231 करोड़ रूपये का खर्च होगा और मंडल को इस प्रोजेक्ट से करीब 416 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त होगा। कोचिंग हब के निर्माण से पूर्व परियोजना की वित्तीय फिजिबिलिटी का एमएनआईटी से परीक्षण भी कराया गया, जिसमें एमएनआईटी ने इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह वायबल एवं उपयोगी माना है। कोचिंग हब में कुल 8 सांस्थानिक टावर बनेंगे। इनमें प्रथम फेज में 5 और द्वितीय फेज में 3 टावर बनेंगे। प्रत्येक टावर 7 मंजिल का होगा, जिसमें कुल 1 लाख वर्ग फीट क्षेत्रफल निर्मित किया जाएगा। इन सभी भवनों के नीचे भूतल में पार्किंग विकसित की जाएगी। निर्माण के बाद कोचिंग संस्थानों को प्रत्येक निर्मित मंजिल बेची जाएगी। कोचिंग हब में 50 हजार वर्गफीट क्षेत्र में 7 मंजिला लाइब्रेरी का निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ ही 800 व्यक्तियों की क्षमता वाले ऑडिटोरियम का निर्माण कराया जाएगा। छात्रों को रहने के लिए 1100-1100 वर्गमीटर के हॉस्टल व पीजी के लिए 4 भूखंड विकसित किए गए हैं।
यह प्राजेक्ट 42 माह में बनकर तैयार हो जाएगा। कोचिंग हब का निर्माण जुलाई, 2020 में प्रारंभ होगा, जो कि दिसम्बर 2023 में पूर्ण हो जाएगा। इसका पहला फेज सितम्बर, 2022 में पूरा हो जाएगा। यह होगा यहां खास यहां दो फूड कोर्ट, चिकित्सालय, द्विपहिया और चारपहिया वाहन पार्किंग, जॉगिंग ट्रेक, बास्केटबॉल/टेनिस बॉल कोर्ट, ओपन जिम, सीसीटीवी, कैमरे, सोलर एनर्जी सिस्टम, प्रत्येक ब्लॉक में सेनेटाइजर स्टेशन जैसी सभी जरूरी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। आवासीय आरक्षित दर के डेढ़गुना पर आवंटित होगी स्टि्रप ऑफ लैंड अब बिल्डिंग बॉयलॉज के अनुसार कर सकेंगे स्टि्रप ऑफ लैंड पर निर्माण 31 दिसम्बर, 2020 तक करना होगा स्टि्रप ऑफ लैंड के लिए आवेदन श्री अरोड़ा ने बताया कि मंडल की विभिन्न आवासीय योजनाओं में बची हुई स्टि्रप ऑफ लैंड को आवासीय आरक्षित दर की डेढ़गुना राशि पर आवंटित किया जाएगा।
पहले आवासीय आरक्षित दर के दोगुना पर आवंटन किया जाता था। इसके साथ ही अब लीज केवल आवासीय आरक्षित दर पर ही वसूली जाएगी, पहले यह आवासीय आरक्षित दर के दोगुनी पर वसूली जाती थी। स्टि्रप ऑफ लैंड जोड़ने के बाद भूखंड का जो आकार हो जाएगा, उस पर बिल्डिंग बॉयलॉज के अनुसार भूखंड मालिक निर्माण कर सकेगा। पूर्व में स्टि्रप ऑफ लैंड पर केवल वृक्षारोपण की ही अनुमति थी। यह नए नियम दिसम्बर, 2020 तक ही लागू होंगे। उन्होंने बताया कि मंडल द्वारा 31 दिसम्बर, 2020 तक स्टि्रप ऑफ लैंड के आवंटन का विशेष अभियान चलाए जाएगा।
मासिक किश्तें, आवंटन, नीलामी और ओसीएस की शेष राशि बिना ब्याज के 30 सितम्बर तक जमा करा सकेंगे कोविड महामारी को दृष्टिगत रखते हुए मासिक किश्तों, आवंटन, नीलामी या ओपन काउंटर सेल के सभी प्रकरणों में, जिनमें भुगतान की अवधि 15 मार्च, 2020 या इसके बाद की थी, उसको बढ़ाकर बिना ब्याज 30 सितम्बर, 2020 कर दिया गया है। पहले यह अवधि 30 जून, 2020 निर्धारित थी।
आवासन मंडल पहली संस्था है, जिसने यह अवधि बढ़ाई है। अब 180 दिन में चुका सकेंगे नीलामी या सांस्थानिक भूखंड की आवंटन रािश श्री अरोड़ा ने बताया कि बोर्ड द्वारा नीलामी या सांस्थानिक भूखंडों के आवंटनों के मामलों में राशि चुकाने सम्बंधी नियमों में संशोधन किया है। पूर्व में नीलामी या सांस्थानिक भूखंडों के आवंटन पत्र जारी होने के 60 दिन में सम्पूर्ण राशि चुकानी होती थी। अब 10 प्रतिशत राशि नीलामी के समय, 40 प्रतिशत राशि 60 दिन में और शेष 50 प्रतिशत राशि 180 दिन में चुकाई जा सकेगी। 14 शहरों में लॉंच होगी 21 आवासीय योजनाएं उन्होंने बताया कि पूर्व में मंडल द्वारा 11 शहरों में 17 आवासीय योजनाएं बनानी थीं, अब 14 शहरों में 21 आवासीय योजनाएं लाँच की जाएंगी। इन योजनाओं में 12351 आवास बनेंगे।
इसके साथ ही जयपुर स्थित 5 योजनाओं में मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत 2652 फ्लैटों का आवंटन किया जाएगा। जयपुर के सिरोली, वाटिका,महला, इंदिरा गांधी नगर विस्तार, टोंक के निवाई, उदयपुर के सविना खेड़ा, दक्षिण विस्तार, देवाली, भिण्डर, सिरोही के आबूरोड़, डूंगरपुर के नवाडेर-उदयपुरा, भीलवाड़ा के शाहपुरा, बांसवाड़ा के शास्त्री नगर, श्रीगंगानगर के सूरतगढ़, जोधपुर के बड़ली, अलवर के भिवाड़ी, शाहजहांपुर, अजमेर के किशनगढ़, नसीराबाद और बीकानेर के शिवबाड़ी में ये आवासीय योजनाएं लाँच की जाएंगी।
आवासन मंडल में बनेगी प्रवर्तन शाखा उन्होंने बताया कि राजस्थान आवासन बोर्ड (संशोधन) अधिनियम 2020 के तहत बोर्ड के परिसर एवं सम्पत्तियों पर से अतिक्रमण हटाने, अधिग्रहण, कुर्की और अतिक्रमियाें एवं अवैध रूप से काबिज व्यक्तियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के लिए प्रवर्तन शाखा का गठन किया गया है। इस प्रवर्तन शाखा के लिए पुलिस सवंर्ग के विभिन्न पदों का सृजन किया गया है, जिन पर पुलिस विभाग से प्रतिनियुक्ति पर कार्मिक लगाए जाएंगे। मुख्यालय स्तर पर एक पुलिस उप अधीक्षक, एक निरीक्षक/उप निरीक्षक एवं चार कॉन्स्टेबल नियुक्त होंगे, जिनमें से एक महिला कॅान्स्टेबल होगी। इसी तरह मंडल के वृत्त कार्यालयों पर एक पुलिस निरीक्षक/उपनिरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल नियुक्त होंगे, जिनमें से एक महिला होगी। इन पदों पर प्रतिनियुक्ति के लिए पुलिस विभाग को लिखा जावेगा।
सिटी पार्क के निर्माण पर होगा 70 करोड़ रूपये का व्यय मंडल की बैठक में तय हुआ कि मानसरोवर आवासीय योजना में निर्मित होने वाले सिटी पार्क पर लगभग 70 करोड़ रूपये खर्च होंगे। यह पार्क 18 हेक्टेयर क्षेत्र में 75 फीसदी ग्रीन एरिया के साथ विकसित किया जाएगा, जो कि सेंट्रल पार्क से भी बड़ा होगा। मध्यम मार्ग और न्यू सांगानेर रोड़ पर एंट्रेस प्लाजा बनाया जाएगा।
इस पार्क में वॉकवे, जॉगिंग ट्रेक, पार्किंग ब्लॉक, एंट्रेंस प्लाजा, वाटर बॉडीज, विद्युतीकरण, जल आपूर्ति, सीवरेज, स्कल्पचर्स, सौन्दर्यीकरण, फर्नीचर, बॉटनीकल गार्डन एवं चिल्ड्रन प्ले एरिया जैसी सुविधाएं विकसित की जाएगी। इसके साथ ही यहां विभिन्न प्रजातियों के लगभग 21 हजार पौधे लगाए जाएंगे।
ये थे उपस्थित
मुख्य नगर नियोजक श्री आर.के. विजयवर्गीय, सचिव श्रीमती संचिता विश्नोई, वित्तीय सलाहकार श्रीमती रेखा भास्कर, मुख्य अभियंता श्री के.सी.मीणा, जी.एस. बाघेला, मुख्य सम्पदा प्रबंधक श्रीमती कश्मी कॉर रॉन, अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता नत्थूराम, मनोज गुप्ता, वरिष्ठ नगर नियोजन अनिल माथुर सहित उच्चाधिकारी उपस्थित थे।