बंद मनरेगा योजना को पुन: प्रारंभ कर जाहोता ग्राम में ग्राम पंचायत में लगभग 300 लोगों को मिला स्थानीय स्तर पर रोजगार

चौमूं(स्मार्ट समाचार) नीयत नेक, इरादे मजबूत और सोच सकारात्मक हो, तो मंजिल हासिल करने में बाधा बनना तो दूर बल्कि यही परिस्थितियां इंसान को चुनौती के रूप में नया करने को आमंत्रित करती दिखाई देती हैं। तब परिस्थितियां इंसान को नये विचार देती हैं, नयी कार्य योजना बनाने हेतु प्रेरित करती हैं। इस प्रकार एक ओर परिस्थितियां जहां हमारी परीक्षा लेती है, वहीं दूसरी तरफ उनके अनुकूल बहुत कुछ नया करना सिखाती भी हैं और साहस भी देती हैं। इसी परिस्थितिवश आमेर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत जाहोता (पं.स. जालसू-जयपर) मेंं वर्ष 2011 से मनरेगा योजना क्रियान्वित नहीं हो रही थी। इस दौरान पंचायत चुनाव, 2020 में जाहोता ग्राम पंचायत सरपंच पद पर ग्राम के विकास हेतु निरंतर संघर्षरत युवा श्याम प्रताप सिंह राठौड़ भारी बहुमत से चुनाव जीत कर आए। सार्वजनिक जीवन में राठौड़ की सोच आरंभ से ही सकारात्मक एवं गांव के विकास पर केंद्रित होने के साथ-साथ स्थानीय संसाधनों को बढ़ावा देने की रही है। इसी सोच के चलते स्थानीय लोगों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के विचार को अमलीजामा पहनाते हुए राठौड़ ने सरपंच पद का कार्यभार ग्रहण करते ही सर्वप्रथम ग्राम पंचायत में वर्ष 2010-11 से बंद मनरेगा योजना को पुन: प्रारंभ करने प्रयास आरंभ किए गया और योजना की क्रियान्विति सुनिश्चित कर अपने विचार को धरातल पर साकार कर दिखाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास के नारे को अपने कृतित्व का हिस्सा मानने वाले सरपंच श्याम प्रताप सिंह राठौड़ के प्रयासों से ग्राम पंचायत जाहोता में मनरेगा योजना के पुन: क्रियान्वयन से अब ग्राम पंचायत के लगभग 300 लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध होगा।