9 माह की गर्भवती महिलाओं को लेकर 196 किलोमीटर का सफर , कभी भी हो सकता था प्रसव पीड़ा




कोमल सैनी 

डूंगरपुर( स्मार्ट समाचार) देश में लॉक डाउन के चलते 

 मजदूरों के परिवार के सामने भोजन करना व अपने बच्चों को पालने के लिए मजदूरी ना होने के कारण मजदूर अपने गांव के लिए निकल पड़े हैं ऐसा ही नजारा देखने को मिला एक गरीब परिवार लॉक डाउन में अपने घर जाने के लिए  9 माह की गर्भवती महिला व पति और दो मासूम बच्चो के साथ अपने गांव के लिए निकल पड़े। जानकारी के अनुसार अहमदाबाद से करीब  196 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर  करने के बाद  2 दिन पहले  यह परिवार राजस्थान के डूंगरपुर जिले  में  टामटिया चेकपोस्ट पहुंचा।  चेक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मी (कोरोना योद्धा) मैं ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों ने 9 माह की गर्भवती महिलाओं व  बच्चों को खाना भी खिलाया और एंबुलेंस से उनके घर तक छुड़वाया।


रास्ते में कभी भी प्रसव पीड़ा हो सकती थी

डॉक्टर सचिन जैन डॉ सुभाष भट्ट और डॉ राजीव यादव ने बताया कि ऐसी अवस्था में ज्यादा पैदल चलने से महिलाओं को कभी भी प्रसाव पीड़ा हो सकती थी। सूचना मिलने पर अधिकारियों ने रात को ही पूरे मामले की रिपोर्ट लेकर  ई पास के लिए रजिस्ट्रेशन किया ।