विधायक रामलाल शर्मा ने प्रदेश में हो रही मानव तस्करी को लेकर विधानसभा में मुद्दा उठाते हुए इसे रोकने मांग की

विधायक रामलाल शर्मा ने विधानसभा में प्रदेश में हो रही मानव तस्करी को लेकर आज मुद्दा उठाया और मांग करी की मासूम बच्चों की तस्करी करके जिस प्रकार अमानवीय कृत्य किया जा रहा है वह रुके।


विधायक रामलाल शर्मा ने सदन में बोलते हुए कहा कि एक ओर सरकार अपने आप को लोक कल्याणकारी एवं संवेदनशील सरकार बताने का प्रयास हर मोर्चे और हर जगह पर करती है। लेकिन कुछ दिन पहले एक प्रमुख अखबार के माध्यम से एक सर्च ऑपरेशन किया गया। सर्च ऑपरेशन के बाद राज्य सरकार की संवेदनशीलता के ऊपर प्रश्नवाचक चिन्ह लगा और साथ में इंसानियत के ऊपर प्रश्नवाचक चिन्ह लगा। प्रश्नवाचक चिन्ह इस बात का लगा कि बहुत से ऐसे संगठन है, जो अपने आप में यह दावा करते हैं कि हम मानवाधिकार के लिए काम करते हैं। हम बाल संरक्षण के लिए काम करते हैं। हजारों करोड़ों रुपए का बजट भी वह संस्था और एनजीओ सरकार से लेती है कि हम उनके उद्धार के लिए काम करेंगे। इन के सर्वांगीण विकास के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले इन सब की भयावह तस्वीर हमारे सामने आई कि राजस्थान के अंदर भी एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो मानव तस्करी करने का काम करता है। मानव तस्करी भी इस प्रकार से करते हैं कि मासूम बच्चे को ले जाकर, बहला-फुसलाकर ले जाकर उनको बेचने का काम करते हैं। उनको यह कह कर ले जाते हैं कि कुछ दिनों बाद यह तुम्हें पैसे देने का काम करेंगे। हम काम के लिए लेकर जा रहे हैं। साथ ही यह सामने आया कि वह बच्चे तो नहीं आए, लेकिन लाशे तक नहीं आई, सिर्फ उनकी तस्वीर आई कि आपका बच्चा यहां गया था उसके बाद लौट कर नहीं आया। दुखद बात यह है कि जहां एक और सरकार यह कहती है कि हमारी सरकार संवेदनशील है। माननीय मुख्यमंत्री महोदय भी इस बात को इंगित करते हैं कि यदि कोई एसएचओ मुकदमा दर्ज नहीं करेगा, तो हम जिले के अधीक्षक को अधिकृत करते हैं कि वह उनकी एफआईआर दर्ज करें। लेकिन कई सैकड़ों बच्चे लापता होने के बाद, मारे जाने के बाद भी उनकी एफ आई आर दर्ज नहीं होती है। उन्होंने कहा कि कई मासूम बच्चे ऐसे हैं, दलाल इस प्रकार से सक्रिय हैं कि आपको जिस उम्र का बच्चा चाहिए, वह बच्चा मिल जाएगा। एक हजार से लेकर दो हजार तक बच्चे की खरीद-फरोख्त की जाती है। लेकिन वह कहते हैं कि हमारी दलाली निश्चित होनी चाहिए। जहां बच्चा चाहेंगे, वहां हम बच्चा भेज देंगे। उन्होंने सदन के माध्यम से निवेदन किया कि 21वीं सदी में जहां एक तरफ बच्चों की तस्करी हो रही हो, जहा सरकार के अंदर बैठा हुआ एसएचओ यह कहता है कि मैं ही सरकार हूं, मैं चाहूं तो कार्रवाई करूं, मैं चाहूं तो कार्रवाई नहीं करूं । मुझे लगता है कि इस पवित्र सदन के अंदर यदि बच्चों का भविष्य बनाने के लिए हम सक्रिय होंगे, तो मुझे लगता है, हम नेक काम करेंगे। माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने कहा था कि हम इस प्रकार की तस्करी रोकने के लिए प्रदेश में एक सेल का गठन करेंगे और जिला स्तर पर भी सेल का गठन करेंगे। सदन के समक्ष अपनी बात रखते हुए विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि वह जानना चाहेंगे कि प्रदेश स्तर में इस प्रकार की सेल अब तक गठित की गई है या नहीं? की गई है तो प्रदेश स्तर पर इसका मुखिया कौन है? इस सेल ने कितना काम किया है? जिला स्तर पर भी इनका मुखिया कौन है? और वह सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इस प्रकार की मानव तस्करी को रोका जावे।