पशुधन फार्म को आर्थिक लाभ व उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पाद
जयपुर(स्मार्ट समाचार) राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अधिकांश लोगों की आजीविका पशुपालन व कृषि पर निर्भर होती है। पशुधन राजस्थान के किसानों की जीवन रेखा है। उन्होंने कहा कि राज्य का वेटरनरी विश्वविद्यालय को इस तरह से कार्य करना होगा कि वह पशुपालकों की उम्मीदों पर खरा उतर सके।
राज्यपाल मिश्र गुरूवार को यहां दुर्गापुरा स्थित कृषि प्रबन्ध संस्थान में पशुधन फार्म को आर्थिक लाभ व उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पाद विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने इस मौके पर सम्मेलन में भाग लेने वाले उत्कृष्ट भागीदारों को सम्मानित किया।
पशुधन, किसानों के सामाजिक एवं आर्थिक सम्पन्नता का प्रतीक है। राजस्थान ने अपने उन्नत पशुधन से एक अलग पहचान कायम की है। पशुधन उत्पादन में राजस्थान देश में सिरमौर स्थान पर है। पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार देने वाला उद्यमों में प्रमुख है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पन्नता लाने में पशुपालन सबसे अच्छा उपाय है। पशुपालन को वैज्ञानिक ढ़ग से किया जाये तो किसानों व पशुपालकों की आय में ओर अधिक वृद्धि हो सकती है। किसानों और पशुपालकों को तकनीकी दृष्टि से सुदृढ़ बनाने तथा वैज्ञानिक तरीके से इस व्यवसाय को चलाने के लिए पशुपालकों, ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को तकनीकी ज्ञान दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने पशु विज्ञान वैज्ञानिकों का आव्हान किया कि वे मिलजुल कर ऎसे प्रयास करे कि अंतिम छोर पर बैठे ग्रामीण पशु पालकों को सुविधाओं को पूर्ण लाभ मिल सके। समारोह को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय मथुरा के कुलपति प्रो. जी. के. सिंह, पूर्व कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने भी सबांधित किया। स्वागत उद्बोधन कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने किया एवं आयोजन सचिव प्रो. संजीता शर्मा ने आभार व्यक्त किया। राज्यपाल ने समारोह में उपस्थित लोगों को संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन कराया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।