क्या आप गधी का दूध पीने के लिए तैयार है
गोविंद सैनी@स्मार्ट समाचार
परेशान होने की जरूरत नहीं है लेकिन मोदी सरकार देश में गधी के दूध को प्रोत्साहित किए जाने की संभावनाओं की तलाश गंभीरतापूर्वक कर रही है ।यह प्रयास इसलिए किया जा रहा है कि कि इस पशु प्रजाति को समाप्त होने से बचाया जा सके । जानकारी के अनुसार भारत में गधों की संख्या अधिक ज्यादा कम हो चुकी है । 2019 की न्यूनतम पशु जनगणना रिपोर्ट में चिंता की बात सामने आई है कि 2012 के बाद गधों की संख्या में 61% की कमी हुई है इसलिए मत्स्य पालन ,पशुपालन तथा डेयरी मंत्रालय ने भारत कृषि अनुसाधन परिषद आई सी ए आर से कहा कि मालूम करें कि गधी के दूध को कैसे प्रचारित किया जा सकता है रिपोर्ट के अनुसार गधी के दूध में गाय की दूध की अपेक्षा 4 गुना विटामिन सी होता है इसमें के सीन लेक्टोज विटामिन b1 B6 डी तथा ई भी मौजूद होते हैं तथा यह सौंदर्य प्रसाधन के रूप में भी लाभकारी हैराजस्थान के बाड़मेर जिले में सबसे ज्यादा गधे पाए जाते हैं इसके बाद में जैसलमेर बीकानेर तथा चूरू का नंबर आता है