माँ जगदम्बे के दरबार में विराट कवि सम्मेलन में हास्य की फुहारों पर लगे ठहाके
गोविंद सैनी@स्मार्ट समाचार
पाटोदा गाडोदा धाम मैं मां जगदंबे के दरबार में विराट कवि सम्मेलन एक शाम गाडोदा के नाम में कभी हंसी के फव्वारे पर लगी !ठहाके तो वीर रस की कविता पर भारत माता की जय कार से पांडाल गूंजा उठा। कार्यक्रम का शुभारंभ शिवमठ गाडोदा धाम के महंत महावीर यति महाराज के सानिध्य मे हुआ। मां जगदंबे के समक्ष दीप प्रज्वलित कर व माँ सरस्वती वंदना पर नृत्य पेश कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कवि सम्मेलन की शुरुआत लक्ष्मणगढ़ शेखावाटी के मशहूर हास्य कवि हरीश शर्मा ने गणेश व माँ भगवती की वंदना से की। कवि हरीश ने मां पर बहुत ही सुंदर कविताओं का ऐसा बखान किया ! कि सभी श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। पंडाल में बेठे सभी श्रोताओं व महंत महावीर यति महाराज की आंखें नम हो गई ! और श्रोतागण रो उठे। इतना ही नही कवि शर्मा द्वारा माँ के ममत्व व प्यार पर प्रस्तुत की गई रचनाओं पर ऐसा दृश्य देखने को मिला जैसे भगवान इंद्र को भी अपनी माँ की ममता याद आ गई, भगवान इंद्र ने भी बारिश की फुआरो के साथ जमकर स्वागत किया। लक्ष्मणगढ के हास्य कवि प्रमोद झूरिया ने कहा कि मैंने तो सिर्फ एक लाइन में कही थी देखते ही देखते छंद हो गया। जुल्फों का गुलाल डब्बे में गुलकंद हो गया। धोद कवि रवि प्रकाश सोनी ने युवाओं को संदेश दिया कि मेहनत व संघर्ष करने से मंजिल जरूर मिलती है। कवि गणेश गुरु सैनी ने विभिन्न हास्य की कलाओं से दर्शकों को ठहाके लगाने को मजबूर कर दिया। कॉमेडियन निखिल सैनी ने एक से बढ़कर एक कॉमेडी पेश करते हुए खूब तालियां बटोरी। कवयित्री डॉक्टर निरुपमा उपाध्याय ने अपनी रचनाओं के माध्यम से संदेश देते हुए कहा कि एक देश में दो विधान का झंडा नहीं चलेगा छोड़ तिरंगा महान दूसरा झंडा नहीं चलेगा राष्ट्रवाद व अलका बाद में मेल नहीं हो सकता, इतना ही नही दीपावली के पावन पर्व पर पेश की गई रचनाओं से खूब वाहवाही लूटी। कार्यक्रम में हजारों की तादाद में श्रोतागण उपस्थित रहे।